हिंदी नवजागरण और राष्ट्रीय चेतना में बालमुकुन्द गुप्त का योगदान

International Journal of Social Science Research (IJSSR)

International Journal of Social Science Research (IJSSR)

An Open Access, Peer-reviewed, Bi-Monthly Journal

ISSN: 3048-9490

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 1 (January - February 2025)
Article Title

हिंदी नवजागरण और राष्ट्रीय चेतना में बालमुकुन्द गुप्त का योगदान

Author(s) Dev Prakash.
Country India
Abstract

वर्तमान समाज साहित्यकार की चेतना और रचना को बहुत प्रभावित करता है, इसलिए एक साहित्यकार को अपने समय में रहना संभव नहीं होता। बाबू बालमुकुन्द गुप्त का जन्म राष्ट्रीय भावना और भारतीय समाज की समझ से हुआ था। इन्होंने देश, उसके लोगों, उसके सुख-दुःख और समस्याओं को समझा। गुप्त जी स्वाभिमानी और देशप्रेमी पत्रकार हैं। उपनिवेशवादी शासन-व्यवस्था में होने वाले शोषण और पक्षपात के खिलाफ लिखते रहे और लोगों को जागरूक करते रहे। अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली की कमजोरियों को दिखाने का प्रयास किया। इनकी भाषा मुख्यतः व्यंग्य है।

Area Literature
Published In Volume 1, Issue 5, September 2024
Published On 20-09-2024
Cite This Prakash, D. (2024). हिंदी नवजागरण और राष्ट्रीय चेतना में बालमुकुन्द गुप्त का योगदान. International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(5), pp. 20-25.

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